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Showing posts from August, 2018

लुढ़कते रुपए को क्यों नहीं संभाल पा रहे हैं पीएम मोदी

डॉलर की तुलना में रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ार रुपए में 26 पैसे की गिरावट के साथ खुले और एक डॉलर की क़ीमत 71 रुपए हो गई. भारतीय मुद्रा रुपए की 2018 में उभरते बाज़ार की मुद्राओं सबसे बुरी हालत दिख रही है. यहां तक की एशिया-प्रशांत में भी इसकी हालत पतली हो गई है. आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि रुपए का कमज़ोर होना भारत के व्यापारिक घाटे का भी परिचायक है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में रुपए पर दबाव बना रहेगा. भारतीय कंपनियों के बढ़ते विदेशी खर्चों को भी रुपए में गिरावट का एक कारण माना जा रहा है. अमरीका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से लगभग सभी बड़े बाज़ार पूंजी निकाले जाने की चुनौती से जूझ रहे हैं. जिन देशों का चालू खाता घाटा ज़्यादा है वो सबसे ज़्यादा बेहाल हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अभी दुनिया भर ऐसे कई उदा हरण हैं जो चालू खा ते में घाटा के कारण अपनी मुद्रा में गिरावट से जूझ रहे हैं. चालू खाता घाटा व्यापार संतुलन पर निर्भर करता है. व्यापार संतुलन का मतलब किसी भी देश के आयात और निर्यात में संतुलन से मतलब है. तेल की क़

प्रेस रिव्यू: जियो इंस्टीट्यूट पर भिड़े केंद्र सरकार के दो मंत्रालय

केंद्र सरकार के मानव संसाधन विका स मंत्रालय ने कुछ स मय पहले रिलायंस ग्रुप के जियो इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ़ इमिनेंस का दर्जा दिए जाने के बाद विवाद का सामना किया था. अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है. अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले पर लिखा है कि केंद्र सरकार के दो मंत्रालय जियो इंस्टीट्यूट को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर आमने-सामने आ गए थे. इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई की मदद से ये जानकारी हासिल की है जिसमें वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कहा है कि ये तरी का इस तरह के संस्थानों को स्थापना से पहले ही अपनी ब्रांड वैल्यू सुधारने का मौका दे देगा और उन्हें पहले से मौजूद सरकारी और निजी संस्थानों से ऊपर की जगह मिल जाएगी. व्यय विभाग ने ये भी कहा है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ये सही नहीं है कि किसी संस्था को सिर्फ़ इस आधार पर ये दर्जा दे दिया जाए कि उसे बनाने वाले का इरादा नेक है. हालांकि, इससे पहले ऐसे संस्थानों को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय में ही विरोध के स्वर सामने आए थे. 27 जुलाई 2016 को उच्च शिक्षा विभाग न

नज़रिया: 'दंगों पर नरेंद्र मोदी के ही रास्ते पर हैं राहुल गांधी'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी और इंग्लैंड के अपने दौरे में कुछ महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए. कई मौकों पर प्रश्नोत्तर सत्र में भी वह चमके. स्वदेश के न्यूज़ चैनलों ने सरकार को खुश करते हुए भले ही उनकी आलोचना की या उनकी कथित नासमझी के लिए उनका मज़ाक उड़ाया पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया और कूटनीतिक हलकों में उनकी बातों में वैचारिकता और ताज़गी देखी गई. लेकिन शुक्रवार की रात लंदन में वहां के सांसदों और अन्य गणमान्य लोगों की एक संगोष्ठी में उन्होंने जिस तरह सन् 1984 के सिख विरोधी दंगे या कत्लेआम पर टिप्पणी की, उससे उन पर गंभीर सवाल भी उठे हैं. राहुल ने माना कि सन् 1984 एक भीषण त्रासदी थी. अनेक निर्दोष लोगों की जानें गईं. इसके बावजूद उन्होंने अपनी पार्टी का जमकर बचाव किया. आख़िर राहुल की इस बात पर कौन यक़ीन करेगा कि सन् 84 के दंगे में कांग्रेस या उसके स्थानीय नेताओं की कोई संलिप्तता नहीं थी. ये तो कुछ वैसा ही है जैसे कोई भाजपाई कहे कि गुजरात के दंगे में भाजपाइयों का कोई हाथ ही नहीं था. ऐसे दावों और दलीलों को लोग गंभीरता से नहीं लेते. आख़िर ये दंगे क्या हवा, पानी, पेड़-पौधे या ब

अटल बिहारी वाजपेयीः तस्वीरों में सफ़र

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बि हारी वाजपेयी का निधन हो गया है. लंबे समय से बीमार चल रहे 93 वर्षीय वाजपेयी जून महीने से ही नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे. एम्स ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने गुरुवार की शाम पाँच बजकर पाँच मिनट पर अंतिम सांस ली. उन्हें इसी वर्ष जून में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से एम्स में भर्ती कराया गया था. उनका शव शुक्रवार को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के हेडक्वार्टर में श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा. उनकी अंतिम क्रिया विजयघाट पर शुक्रवार को शाम 5 बजे की जाएगी. भारत रत्न से सम्मानित वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे, पहली बार 1996 में 13 दिनों के लिए फिर 1998 से 1999 और आखिरी बार 1999 से 2004 तक. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वाजपेयी के निधन से एक युग का अंत हो गया है. देश के प्रधानमंत्री के साथ ही अटल बिहा री वाजपेयी एक सर्वप्रिय कवि, वक्ता और समावेशी राजनीति के पर्याय थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "भारत ने